धूसर है आसमां मगर
हर दिन एक ध्रुव तारा चमकता है
“सुभाष” नाम अमर रहे
सारा हिन्दूस्तान ये कहता है…
निर्भिक निडर था
बोस परिवार का बच्चा
बन गया ,भारत माँ का
लाल, सपूत वह सच्चा…
देश की आज़ादी का सपना
जागती ऑंखों से वह देखता था
“तुम मुझे ख़ून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा”
गर्म जोशी से वह कहता था…
सच्चे देशभक्तों के लिए
था वह देश का सच्चा देश भक्त
फिरंगियों को दूर करने को तत्पर
था गरम दल का नेता वह सख़्त…
अडोल्फ हिटलर ने पुकारा पहले
सुभाष को “नेताजी” कहकर
कवि गुरु रवींद्र ने पुकारा
नेताजी को “देश नायक” कहकर…
है शरीर गुम हो जाता
मगर, कर्म अमर रह जाते हैं
ऐसे मानव नहीं बार बार जनमते
युवाओं के मिसाल बन रह जाते हैं…
© चंचलिका
1 Comment
Chanchalika · January 23, 2023 at 10:31 pm
Plz read my poems n do comments