Sea

सामूहिक रूप से गवाही

प्रकृति के शाश्वत क्रम मेंसमुद्र में ज्वार -भाटेआते रहते हैंयह क्रम जैसे ही व्यतिक्रम होता हैप्रकृति के साथ होती हैमनमानीनिश्चित तूफान उठ खड़ा होता हैलहरें हो जाती हैं सुनामीइसीलिए चाहे भूकंप हो याज्वालामुखीप्रकृति के नियमों के विरुद्ध जबभी कहीं खोट Read more…

Lizard

मौकापरस्ती

रुख हवाओं का बदलता देखिएसूर्य पश्चिम से निकलता देखिए है धरा बहती यहाँ उल्टी सदासाँप का केंचुल उतरता देखिए © मोहन जी श्रीवास्तव “सत्यांश”

falling man

कोई तो संभाल लो

कठिन है ये सफरव्यथित है मनहूं अकेला चंचल है मन।कैसे समझाऊं खुद कोकैसे रिझाऊंएक वेदना भरी हैअंगार सा उठा है।कोई समझ ना पाएएक भूचाल सा उठा है।कश्मकश की लहर नेबेसुध बना दिया हैउधेड़बुन के जाल नेजंजाल बना दिया है।कोई तो Read more…

statue of liberty

एकता दिवस

आओ हम सब मिलकर,एकता दिवस मनाए.अपनी भारत माता को,सुखी और समृद्ध बनाएं. लौह-पुरुष के जन्मदिन पर,आओ हम सब सौगंध,ये खाएं,जब तक है,हमारा जीवन,कोई इसके टुकड़े,न कर पाए. 565 रियासतों को जिसने,एक सूत्र में पिरोकर,यह भारत राष्ट्र बनाया,उस सरदार पटेल के Read more…

Flower

फूल मुस्कुराते हैं

मुस्कराने के लिए जरूरी नहींपूरी तरहविज्ञापन में उतर जानाइन्सान के लिएतनाव रहित मस्तिष्कऔरपेट में अनाज का तिनकाहोठों की परिधि मेंमुस्कराहट को संतुलित रखते हैं। सिर्फ खुली हवा, पानी और धूप सेअहर्निश फूल मुस्कराते हैंइसीलिएजिंदगी के अंत: सौंदर्य मेंसबसे अच्छा हैमुस्कराने Read more…

corona

कोरोना

वक्त के हाथ में , अब भी वही कबीरा है ।चादर झीनी वही, घर अपना फूँक आते है ॥राग जीवन का मै,जब भी समझना चाहा ।दर्द में प्यार के, हर गीत उभर आते है ॥मानवीय रिश्तों पर, मॅडराती ये कैसी Read more…

roti

रोटी

चेहरों पर उभरी, चिंता की रेखाएंकहती हैं आदमी के संघर्ष की गाथाएंरोटियों को पाने की ललक मेंठहर जाता है वक्त।इज्जत के पानी और स्वाभिमान के आटे से गूँथी,तनिक भी,आँच बर्दाश्त नहीं करती ये रोटियाँलेकिन, आसानी से ठहर जाती हैं अपने Read more…

yaaden

.गीत

मन में याद, याद में तुम हो।तुझ में है सपने अनगिन॥आंगन है तुलसी का चौराऔर नीम यूँ झूम रही हैगिल्लू भागा दौड़ा फिरतागौरैया कुछ चुंग रही हैबाबा की धोती गीलाकरमुनुवा रोये हर पल -छिनमन में याद,याद में तुमहो … अनगिन॥याद Read more…

freedom

खुली हवा में साँस

खुली हवा में साँस लेने का सुखउस कबूतर से पूछोजो पिजड़े में कभी कैद न हो ।मुक्त गगन में दम्भ भरता हैउड़ने की कलाबाज़ी दिखाता हैनजदीक से इंद्रधनुष छूकरलौटने पर इतराता है ।पर कितना कठिन हैखुशी-खुशी सुहागिनों को अपनी मांग Read more…

girl boy

फ़र्क़

लड़कियों के पैदा होने वबाप के लिए चिंता का बीजबोनेकी वजहसमाज द्वारा खाद पानीदहेज के रुप में जड़ों में डाला जाना हैक्योंकि जड़ें खाती हैं।पूरा पेड़ लहलहाता है।बाहर से भले ही पिता मुस्कुराता हैपर अंदर ही अंदर टूटता चला जाता Read more…