person holding rock

सी० ए०अठ्ठारह / नौ

बाइस साल बाद मिली जीत परकहीं खुशी कहीं दिखावे का सदमालालच में बिना सोचे समझेफिर कर दिया मुकदमासामाजिक अपमान सेचढ़ गयी भौंलोगों के चढ़ाने पर दायर कर दियासी० ए० अठारह बटे नौ।आखिर! सत्य परेशान होता है पराजित नहींसत्य को परखने Read more…

Sunrise

सात सौअठ्ठानवे/अट्ठासी

स्वाभिमान के आँगन मेंअन्याय के खिलाफएक मुकद्दमाअंकुरित हुआ ।जहाँ मरने के दस वर्ष बादमृतक को स्वर्ग से बुलाया गयाबकायदे रजिस्ट्री कराया गया।अंकुरण के पश्चातखाद -पानी के रुप मेंसारे ग्राह्य सबूत उसकी जड़ों में डाला गयाक्योंकि जड़ें खाती हैपूरा पेड़ लहलहाता Read more…

day

शुभ दिन

अर्ध सत्य , अर्ध मिथ्या मेंजी रहे हैं हम… आधी – अधूरी ज़िंदगी केआधे – अधूरे लोग हैं हम… मान – अभिमान के द्वन्द्व युद्ध मेंकभी हारे कभी जीते हम… प्रासंगिक , अप्रासंगिक घटनाओं केएकमात्र उदाहरण हैं हम… आलिंगन में Read more…

आजादी का अमृत महोत्सव

आजादी का अमृत महोत्सव

कुछ दिनों से , जोर शोर सेदेश में लग रहा है ये नाराहर घर तिरंगा, घर घर तिरंगातिरंगा है जान से प्यारा….. आज़ाद वतन की आज़ादी मेंतिरंगा लहराये प्यारासबसे प्यारा, सबसे न्याराहिंदूस्तान हमारा…. परचम के तीन रंगों कीअलग मर्यादा , Read more…

father

पिता

पिता ,सिर्फ शब्द नहींएक घनेरी छाँव है,वज़नदार एहसास है… पिता ,जिनकी उंगलियों सेमिला उंगलियों कोएक उष्मीय स्पर्शडगमगाते कदमों कोदी मज़बूती ,चलना सिखलाया… पिता ,आँखों से बहतेझर झर आँसुओं को रोके,दे होंठों कोमधुर मुस्कान… पिता ,बाहों में जिसकीहै फौलादी ताक़तढाल बनकर Read more…

Sea

कुछ बातें ऐसी भी

ज़िंदगी को बेहतरीन बनाकरजीने की एक तमन्ना थीयादों के पिटारेों के संगगुफ़्तगू करने का इरादा था…. ख़ाका तजुर्बे का साथ था,मगर जीने की आदत र यूँहीपल पल बदलने लगीयही जीवन का फलसफ़ा था…. गणित के सारे गूढ़ रहस्यपल पल भारी Read more…

couple

हम भी तुम भी

सिर्फ़ रात ही नहीं बीततीबीत जाता है दिन भीदीए का तेल ही नहीं जलताजल कम होती है बाती भी दु:ख होतें हैं ख़त्म तोसुख भी बीत जाता हैआते हैं सब जाने के लिएसमय चक्र यही बतलाता है मेजबां कोई नहींयहां Read more…

dhananjai

लायक बेटे

शंभू नाथ दूबे जी के यहाँ उनकी पत्नी की तीसरी बरसी के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पूरे पूर्वांचल के सभी नेतागण, बड़े-बड़े अधिकारी, व्यापारी के साथ-साथ गरीब मज़दूर, किसान भी पहुँचे थे। तीन साल पहले शंभू नाथ दूबे जी की पत्नी Read more…

Flower

मैं कौन हूँ

तुम्हारी बंदगी हीअब मेरी ज़िंदगी बन गई है… तुम्हारा नाम हीअब मेरा परिचय बन गया है… तुम्हारे संस्कार हीमेरे जीवन का अब मूल – मंत्र है… तुम्हारे वाक्यांश हीमेरे जीवन का अब वेद – वेदांत है… रीति – रिवाज़ से Read more…

abhivyakti

सब्र का फल

मृग मरीचिका सीअनुसरण करती कभी कभीतुम्हारी यादें उभर आतीं हैंमेरे मानस पटल पर… यथार्थ के धरातलके समीप पहुँचकरसारी सोच अर्ध सत्य केबीच लोट रही थी… भग्नावशेष चिंताधारापंछियों की उन्मुक्तता से परेएकांत की तलाश में थीसारे सृजन को टटोलती… शाम ढलते Read more…