Stambha / Column
जीवन एक सफ़र है
जीवन एक सफ़र है …..और सफ़र पर जाना हम सभी को अच्छा लगता है, बस शर्त ये होती कि सफ़र सुहाना होना चाहिए। लेकिन ये तो जीवन है न…. सिर्फ अच्छा सफर कैसे रह सकता है? जब ईश्वर ने हमें Read more…
जीवन एक सफ़र है …..और सफ़र पर जाना हम सभी को अच्छा लगता है, बस शर्त ये होती कि सफ़र सुहाना होना चाहिए। लेकिन ये तो जीवन है न…. सिर्फ अच्छा सफर कैसे रह सकता है? जब ईश्वर ने हमें Read more…
चंदा मामा दूर केपुए पकाएं गूड़ केकाल्पनिक कथा बनकर रह गईहर दिशा में चर्चे हैं चांद पर चंद्रयान -3 के…. इसरो टीम की अथक परिश्रमअन्य वैज्ञानिकों की पूरी लगन रंगत लाईभारत को मिली है आज विश्व ख्यातिअसली कथन,चांद की हक़ीक़त Read more…
मैं शक्तिशाली हूं,मेरे पास अधिकार है,कुचलने का हर किसी को,बर्बाद करने का,नेस्तोनाबूत करने का,गलतियां मै करूँगा,निर्बल भुगतेगा सजा. हे राम तुम्हारे राज्य में,यह कैसी आंधी आई है,त्राहिमाम कर उठा है निर्बल,बलशाली लहू पी रहा,अब इनको कौन छत्रिय धर्म समझाएगा. हे Read more…
(प्रथम आत्माहुति) खुली हवा में साँस लेने का सुखउस कबूतर से पूछोजो पिजड़े में कभी कैद न हो ।मुक्त गगन में दम्भ भरता हैउड़ने की कलाबाज़ी दिखाता हैनजदीक से इंद्रधनुष छूकरलौटने पर इतराता है ।पर कितना कठिन हैखुशी-खुशी सुहागिनों को Read more…
तुम्हारे औरमेरे जीवन कीकुछ अनकहीबातें लिखी हैइसकिताब में… अव्यक्तवेदना कीचादर से लिपटेचंदएहसास हैं… यूँतो तुमनेकिताबेंपढ़ी होगीअनगिनत… मगरकुछ तुम्हारीकुछ मेरी अनपेक्षितउपेक्षा लिखीहुई हैजीवन केसारांश की तरह मुड़े हुएइन दो पन्नों पर… © चंचलिका
मेरेटूटने सेग़र मुराद तुम्हारीपूरी होमैं टूटने कोतैयार हूँ… जोतुम्हारीहसरतें अब तकअधूरी हैवो पूरी होमैं टूटने कोतैयार हूँ… इसविराट विश्व मेंहर दर्द से ग़र तुमकोराहत मिलेमैं टूटने कोतैयार हूँ… मेराअस्तित्वबिखर करतुम्हारे लिएनिखर जायेगामैं टूटने कोतैयार हूँ… © चंचलिका
धूसर है आसमां मगरहर दिन एक ध्रुव तारा चमकता है“सुभाष” नाम अमर रहेसारा हिन्दूस्तान ये कहता है… निर्भिक निडर थाबोस परिवार का बच्चाबन गया ,भारत माँ कालाल, सपूत वह सच्चा… देश की आज़ादी का सपनाजागती ऑंखों से वह देखता था“तुम Read more…
अब न कहीं युद्ध होगान रहेगी अशान्ति।न कोरोना होगान ही किसी को रोना होगान होगी महामारीचहुँओर चहकेगी किलकारीन अपनो को खोना होगान ही किसी की आँख आँसुओं से भिगोना होगा ।जो गिरे हैवे पूर्ण मनोवेग से उठेंगेचाहें व्यक्ति हों या Read more…
मेरे दिल की किताबकुंठा के ताले सेबरसों बंद पड़ी थी… एहसासों के अल्फ़ाज़उमड़ घुमड़ कर,थोड़ी दबी ज़ुबाँ सेबहुत कुछ कहते… मगर कुछ समझ,कुछ नासमझी कीअलसाई सी चादर तले ,बस उफनकर रह जाते… एक दिन कुछ ढूँढ़ते हुएदराज से मिली एक Read more…
बंद दरवाज़े के अंदरकमरा ख़ामोशी सेपनाह दे रहा थादो अजनबियों को…. ऑंखों में ख़्वाबों को समेटेउसकी मुस्कान बता रही हैहर हाल खुश रहेगी,इस अजनबी के साथ… सात फेरों का नहींकाग़ज़ी हस्ताक्षर काबंधन है दोनों का…. पुरुष का पुरुषार्थ ,स्त्री को Read more…