जवन मिलल बा ऊ लीं, कुछ करे के नईखे
बहे दीं समइया के धार, ओके धरे के नईखे

मूवे के बटले बा सभका एक ना एक दिन
लेकिन रोज रोज तनी तनी मरे के नईखे

उनुकरे दीहल सुखवा में बड़ा मजा आवेला
उनुकरे दीहल दुखवा में फिर रोवे के नईखे

जइसन आइल रहनी ओइसने जाए के बा
भारी भारी गठरिया हमरा ढोवे के नईखे

© Sunil Chauhan


Sunil Chauhan

मुसाफ़िर हूँ यारों, मुझे चलते जाना है

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