housewife

औरतें

हर घर कीलाइफ-लाइन होतीं है औरतेंयह तुम मानों या न मानोंकोई फ़र्क नहीं पड़ता उनकोप्रूफ करना/करानाउनकी विषयवस्तु नहींपर यह जान लो तुमकि, सिलवटें चादर की होंया, जिंदगी कीदुरूस्त करती हैं वहींउनकेे ना रहने सेबंद हो जाती हैं बोलियांचाहें तुम्हारी हों,या फिर हो कुकर कीसजीव हो या हो निर्जीवघर को, घर-संसार Read more…

soldier

जवान

ऐ जवान तू ऐसे चल,दुश्मन का जाए, दिल दहल.देश का तुझी से है, मनोबल,ऐ जवान तू ऐसे चल,दुश्मन का जाए दिल दहल. त्याग की तू मूर्ति है,अभिलाषाओं की संतुष्टि है,श्रेष्ठता पर्याय तेरा,तू शौर्य की पराकाष्ठा है.ऐ जवान तू ऐसे चल….. चाहे हो बर्फीली पहाड़ियां,आकाश की ऊंचाइया, यासागर की गहराइयां,तू खड़ा Read more…

election

चुनाव

आते ही चुनावजीवित हो जातें हैंकुछ मुर्देकुछ मुद्दे जो पूर्व मेरहते थेंभूलें-भटकेंगुमशुदा-गुमनाम! तथा…तय होते हीहार-जीत!कर दिए जाते हैं जमापंचवर्षीय योजनाओं केअन्तर्गत!बर्फ के घरों मेंपांच सालों तक! ताकि बासी ना होंमुर्दे भीमुद्दे भीअगले चुनावों तक। © धनंजय शर्मा

green field

प्रेम की फ़िक्र

पिता के स्कूटर पर बैठीजाती एक लड़की सेमुझे प्रेम थाजब उसकी नाज़ुक उंगलियांकिताब के पन्नों परचहलकदमी करतींमैंने उन्हें अपनेसीनें पर महसूस कियाप्रेम मुझे उससे थाइतना कि…मैंने उसे कोईप्रेम पत्र नहीं लिखाक्योंकि चिंता थी मुझेअपने प्रेम की,उसके लगाएं पेड़ की। © धनंजय शर्मा

love

ताकि प्रेम बासी न हों

ज्यादातर प्रेम कथाओं मेंप्रेमियों का प्रेमिकाओं सेमिलन नहीं हों पाताशायद इसलिए कि बरकरार रह सकेंप्रेम की लालिमाप्रेम की कस़क बाकी होंऔर प्रेम बासी न हों © धनंजय शर्मा

puliya

पुलिया

यूं तो बेंच हैबैठने की वस्तुऔर पुल…इस पार से उस पारजाने औरआने की इमारतबावजूद इसकेबेंच…खुद पर बैठे लोगों कोउतना नहीं जोड़ पातींजितना किजोड़े रखती हैकिसी पतली नहर परबनी छोटी सी पुलिया वैसे हीजैसे डाइंग रूम मेंबैठें लोगों कोराजनीतिक बातेंउतना नहीं जोड़ पातीजितनी किजोड़े रखतीं हैंदुआरों परजलने वाले कौड़ेके चारों ओरलगने Read more…

yashoda krishna

यशोदा – गोपी संवाद

यशोदा मैया कहती है….. उदय भयो रे, मोरो पुन भाग,कि मेरो घर, कान्हा जनम लियों. गोपी कहती है….. मोरो तो लागत है, मैया.आये है,जग मे खुशी के दिन चार,कि तेरो घर, कान्हा जनम लियों. यशोदा मैया कहती हैं….. मोरो तो पता नहीं, पर,निरखत रूप मोरो, नंदलाल,हर्षत हीय मेरो, बारंबार.उदय भयो Read more…

girl holding album

माज़ी-परस्ती (Nostalgia)

कर ली बातें चाँद सितारों से,मिल आये ज़िगरी यारों से, कूदना पेड़ों से तालाबों में,पायलट बनना वो ख्वाबों में, जी आये वो बेखबरी भी, वो मस्ती भी,ख़ूब शग़ल है यारों ये माज़ी-परस्ती भी. © Sunil Chauhan

jamun

गांव

जब से भइल बा टिकटवा हो गांव के,याद आवता जमुनिआ के छाँव के. बाग़ बगइचा, खटिया मचिया, ताल तलइया बांगर दियरा,मॉल, फ्लैट, डनलप के गद्दा, कवनो ना एहनी के नियरा,लाली बिलाली, गुल्ली डान्टा, लट्टू, कबड्डी, चीकाटेनिस, गोल्फ, बिलियर्ड्स सब एकनी के आगे फीका. खूब शान बा शहरिया के लेकिन,इ त Read more…

children playing

बचपन

किसी नदी/पोखरी के किनारेछोटी पुलिया/बरगद केचबूतरों पर बैठे बिनापकड़ पतंगों की डोरदौड़ लगाएं बिना यातितलियों के पीछे बिन भागें। सरसों के खेतों में,किसी मोती, झबरा,या शेरू के साथ बिनालुकाछिपी का खेल खेलें। या संझवत के शुरू होते ही,झींगुरों के मधुर संगीतसे अगर तुम हो वंचिततो, विश्वास करों मेरे दोस्ततुमने सिर्फ Read more…