Mangal Pandey

मंगल पाण्डेय

(प्रथम आत्माहुति) खुली हवा में साँस लेने का सुखउस कबूतर से पूछोजो पिजड़े में कभी कैद न हो ।मुक्त गगन में दम्भ भरता हैउड़ने की कलाबाज़ी दिखाता हैनजदीक से इंद्रधनुष छूकरलौटने पर इतराता है ।पर कितना कठिन हैखुशी-खुशी सुहागिनों को अपनी मांग अपने हाथों पोंछना ।चूड़ियों को बेरहमी से फोड़ना Read more…

book

ये जो किताब है महज़ किताब नहीं

तुम्हारे औरमेरे जीवन कीकुछ अनकहीबातें लिखी हैइसकिताब में… अव्यक्तवेदना कीचादर से लिपटेचंदएहसास हैं… यूँतो तुमनेकिताबेंपढ़ी होगीअनगिनत… मगरकुछ तुम्हारीकुछ मेरी अनपेक्षितउपेक्षा लिखीहुई हैजीवन केसारांश की तरह मुड़े हुएइन दो पन्नों पर… © चंचलिका

shooting star

टूटा तारा

मेरेटूटने सेग़र मुराद तुम्हारीपूरी होमैं टूटने कोतैयार हूँ… जोतुम्हारीहसरतें अब तकअधूरी हैवो पूरी होमैं टूटने कोतैयार हूँ… इसविराट विश्व मेंहर दर्द से ग़र तुमकोराहत मिलेमैं टूटने कोतैयार हूँ… मेराअस्तित्वबिखर करतुम्हारे लिएनिखर जायेगामैं टूटने कोतैयार हूँ… © चंचलिका

सुभाषचन्द्र बोस

धूसर है आसमां मगरहर दिन एक ध्रुव तारा चमकता है“सुभाष” नाम अमर रहेसारा हिन्दूस्तान ये कहता है… निर्भिक निडर थाबोस परिवार का बच्चाबन गया ,भारत माँ कालाल, सपूत वह सच्चा… देश की आज़ादी का सपनाजागती ऑंखों से वह देखता था“तुम मुझे ख़ून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा”गर्म जोशी से वह Read more…

nutan navvarsh

नूतन नववर्ष

अब न कहीं युद्ध होगान रहेगी अशान्ति।न कोरोना होगान ही किसी को रोना होगान होगी महामारीचहुँओर चहकेगी किलकारीन अपनो को खोना होगान ही किसी की आँख आँसुओं से भिगोना होगा ।जो गिरे हैवे पूर्ण मनोवेग से उठेंगेचाहें व्यक्ति हों या अर्थ ।कोशिशें अब नहीं होंगीव्यर्थ ।चाहे समर्थ हो या असमर्थ Read more…

diary

बंद डायरी.. खुली किताब

मेरे दिल की किताबकुंठा के ताले सेबरसों बंद पड़ी थी… एहसासों के अल्फ़ाज़उमड़ घुमड़ कर,थोड़ी दबी ज़ुबाँ सेबहुत कुछ कहते… मगर कुछ समझ,कुछ नासमझी कीअलसाई सी चादर तले ,बस उफनकर रह जाते… एक दिन कुछ ढूँढ़ते हुएदराज से मिली एक डायरीजानी पहचानी सी खुश्बू लिएबिल्कुल कोरी सी… अनायास ही चेहरे Read more…

love

निर्णय

बंद दरवाज़े के अंदरकमरा ख़ामोशी सेपनाह दे रहा थादो अजनबियों को…. ऑंखों में ख़्वाबों को समेटेउसकी मुस्कान बता रही हैहर हाल खुश रहेगी,इस अजनबी के साथ… सात फेरों का नहींकाग़ज़ी हस्ताक्षर काबंधन है दोनों का…. पुरुष का पुरुषार्थ ,स्त्री को पनाह तो दे दियामगर उसके गुरुर नेइस रिश्ते के नर्म Read more…

person holding rock

सी० ए०अठ्ठारह / नौ

बाइस साल बाद मिली जीत परकहीं खुशी कहीं दिखावे का सदमालालच में बिना सोचे समझेफिर कर दिया मुकदमासामाजिक अपमान सेचढ़ गयी भौंलोगों के चढ़ाने पर दायर कर दियासी० ए० अठारह बटे नौ।आखिर! सत्य परेशान होता है पराजित नहींसत्य को परखने के लियेपरेशानी की ताबूत में विधि ने ठोक दी एक Read more…

Sunrise

सात सौअठ्ठानवे/अट्ठासी

स्वाभिमान के आँगन मेंअन्याय के खिलाफएक मुकद्दमाअंकुरित हुआ ।जहाँ मरने के दस वर्ष बादमृतक को स्वर्ग से बुलाया गयाबकायदे रजिस्ट्री कराया गया।अंकुरण के पश्चातखाद -पानी के रुप मेंसारे ग्राह्य सबूत उसकी जड़ों में डाला गयाक्योंकि जड़ें खाती हैपूरा पेड़ लहलहाता है।सत्य का पथआलोकित करने के लियेताकि सत्य लहलहा उठेबोल पड़े Read more…

day

शुभ दिन

अर्ध सत्य , अर्ध मिथ्या मेंजी रहे हैं हम… आधी – अधूरी ज़िंदगी केआधे – अधूरे लोग हैं हम… मान – अभिमान के द्वन्द्व युद्ध मेंकभी हारे कभी जीते हम… प्रासंगिक , अप्रासंगिक घटनाओं केएकमात्र उदाहरण हैं हम… आलिंगन में बँधकरआधे – आधे जी लेंगे हम… मृत्यु के आने पर Read more…