मराठी, बांग्ला, अंग्रेजी बोले निजा मज़बूरी में,
हमनी के परान बसेला आपन ठेठ भोजपुरी में.
हाथे सतुआ साने वाला, फंसल बा कांटा छुरी में,
कुर्सी से बन्हाईल बानी, नीके खेलत रहनी धूरी में.
सादगी में भी मजा रहे, दिमाग ना खटे फितूरी में,
आ के इहवाँ लागल बानी शो ऑफ के मजदूरी में.
© Sunil Chauhan
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