safar

सफर

जीवन के सफर को जारी रखियेमरने की भी मगर तैयारी रखिये दिल से काम लीजे दिमाग़ से नहींसर को ना इतना भारी रखिये वक़्त आने पे मिल ही जायेगाइतनी भी ना बेकरारी रखिये बेवफ़ा है वो तो बेवफ़ा ही सहीआप अपनी तो वफ़ादारी रखिये हस्र में सवाल टेढ़े भी पूछे Read more

sapna

सपना

रोज रोज नींद से जो जागते हैं हमसपना ग़र टूटे तो करते नहीं हैं ग़म फिर सपना देखते हैं जागते हुए हमउसके पीछे बेतहाशा भागते हैं हम सोते हुए से जागे पाया था कुछ नहींजागे हुए से जागेंगे पाएंगे कुछ नहीं सपने तो सपने हैं जागे के या सोये केसच Read more

naaw

नाख़ुदा

पक्का है जब भरोसा परवरदिगार मेंखुश इस दयार में खुश उस दयार में हम हैं राही प्यार के चलते हैं मस्ती मेंफूल बिछे रस्ते में या राह-ए-पुरखार मे जब अपनी कश्ती का नाख़ुदा ख़ुदा हैडरें क्यूँ भवसागर के भाटा में ज्वार में हमने दिल से दिल का किया है सौदासूद Read more

children playing

मनमर्जी

होता है जो वो ग़र तेरी मर्जी हैये बुराई अच्छाई सब फर्जी है नकली है प्यार नफ़रत बेमानीपरोपकार झूठा झूठी खुदगर्जी है मढ़ के नेकी बदी उस के नामक्या हम सब करते मनमर्जी हैं? © सुनील चौहान

mystery

रुपिया के माला

रुपिया के माला फेरल जाताधराई ना लेकिन घेरल जाता जे भरमल माया के जंजाल मेंओके ऊख जइसन पेरल जाता जे अँखिये के सोझवा खाड़ा बाओके दुनिया भर में हेरल जाता ख़ुशी के त अकाल बा लेकिनमुँह पर मुस्कान लभेरल जाता अपने से केहू डेरात नइखेझूठहिं आँख तरेरल जाता © सुनील Read more

andhkaar

अंधकार

चीकन देहियाँ सीसा जइसन चमके चकाचकमनवाँ से कूड़ा करकट खर पतवार ना गइल घर संसार छोड़ि के चलि गइनी एकांत मेंमन से लेकिन कबहुँ गाँव बाज़ार ना गइल उखी बिखी लागल रहे जियरा रहे अशांतजबले अभिलाषा मनसा के भरमार ना गइल सुरुजे के खोज तानी दिया बाती बारि केभरल दुपहरिया Read more

mata durga

माता का दरबार

दो दूनी के चार में, माया के बाज़ार मेंदुनियावी प्यार में, रोज रोज तकरार मेंकष्ट,पीड़ा,संताप,वेदना, दुःख के कई प्रकार मेंपड़े हुए हैं आँख मूँद के क्षणभंगुर संसार मेंजागो प्यारे आँखें खोलो, देखो क्या है उस पार मेंचिंता शंका छोड़ के आओ माता के दरबार में जय माता दी

sukh dukh

सुख दुःख

जवन मिलल बा ऊ लीं, कुछ करे के नईखेबहे दीं समइया के धार, ओके धरे के नईखे मूवे के बटले बा सभका एक ना एक दिनलेकिन रोज रोज तनी तनी मरे के नईखे उनुकरे दीहल सुखवा में बड़ा मजा आवेलाउनुकरे दीहल दुखवा में फिर रोवे के नईखे जइसन आइल रहनी Read more

Ahbab

अहबाब – मित्रगण

आँखों ही आँखों में मुलाक़ात हो जाती हैजुबाँ खुलती भी नहीं मगर बात हो जाती है. बैठे रहते हैं यूँ ही तेरा तसव्वुर किये हुएजाने कब दिन आता है कब रात हो जाती है ग़ैरमुमकिन है कहीं और शिक़स्त खा जाएँमगर दिल के खेल में अक्सर मात हो जाती है Read more

Evening

मंज़िल-ए-मक़सूद

हुई शाम यार अपने तमाम आये,कहीं से मय आयी कहीं से जाम आये उम्र गुजर गई एक खत की आरज़ू मेंना थी किस्मत कि तुम्हारा पयाम आये जब भी पूछे कोई मेरी मंज़िल-ए-मक़सूदहर बार जुबाँ पे अबस तेरा ही नाम आये गजब जलवा है तेरे अज़मत-ए-हुश्न कासजदे में आये जो Read more