Kavita / Shayari
नाख़ुदा
पक्का है जब भरोसा परवरदिगार मेंखुश इस दयार में खुश उस दयार में हम हैं राही प्यार के चलते हैं मस्ती मेंफूल बिछे रस्ते में या राह-ए-पुरखार मे जब अपनी कश्ती का नाख़ुदा ख़ुदा हैडरें क्यूँ भवसागर के भाटा में ज्वार में हमने दिल से दिल का किया है सौदासूद Read more…