aashirwad

वह एक दौर था

एक दौर थाजब छोटे , बड़ों काचरण स्पर्श करते थे,बड़ों का आशीर्वाद मिलता था,“दीर्घायु भव”… संस्कारकुछ ऐसा आज भी हैसिर्फ प्रथा बदल गई है… आज छोटे, बड़ों केचरण स्पर्श से कतराते हैंबड़े उन्हें गले से लगाकरकहते हैं “यशस्वी भव”… बड़ों का आशीर्वचन ,सर पर हाथ रखना ,बच्चों के लिएआश्वासन जैसा Read more…

heaven

उन्मुक्त ज़िंदगी

गगन तले , मुक्त हवा मेंगुज़रती ज़िंदगी जाने कबउन्मुक्त होकर , निर्भिक सीउड़ने लगी, हो पंख विहीन… विराट विश्व में एकाकीतन्मयता से ढूँढ़ रही थीअपने ही जैसी संगीहीना ,मिली ज़िंदगी, शब्दहीन… पाथेय नहीं है संग मगरहै आनंद से भरा मन आतुरअपरिचितों संग परिचित बनशून्य पथ न रहा दिशाहीन… © चंचलिका

sad

रीता सा दिल

मेरे एहसासों कामुझसे अचानकयूँही ख़फ़ा हो जानाकहीं न कहीं चुभनदे जाते हैं दिल को… स्पंदन के बिनासूने दिल का साथख़लिश सी बिखेरती हैख़्वाब अनमने सेदस्तक दे जाते हैं दिल को… टूटकर जुड़ते हुएबहुत कम देखा है,सिलवटों का रह जाना,नया ज़ख़्म दे जाता हैरीते से दिल को… सच तो है,कौन, कब Read more…

children playing

खुशियाँ कहाँ मिलती हैं?

खुशियाँ ढूँढ़कर थक गए थे हमबाज़ारों में खरीदने की कोशिश की,मगर नाकामयाब रहे… इतना तो पता थाज़िंदगी के गुज़र बसर के लिएखुशियाँ जरुरी है,मगर कभी हासिल नहीं हुई… एक दिन यूँ ही, घर से निकल करबेख़्याली में चलते चलतेगली के मोड़ पर,मैले कुचले कपड़ों में,कुछ बच्चों को, आपस में खेलते Read more…

beautiful girl

रिश्ते

रिश्तों की अहमियत जाने बगैररिश्तों में ज़हर घोल लेते हैं लोग बुनियादी मज़बूती समझने से पहलेबेवजह फ़ैसले कर लेते हैं लोग… जुड़ने से पहले ही टूटने वाले रिश्तेवाकई कमज़ोर धागों में पिरोये होते हैं … हाथों की लकीरों को परखने वालेआजीवन खुद से हारे होते हैं… केवल दृष्टिकोण बदलकरकहाँ कोई Read more…

jindadili

ज़िंदादिली

ज़िंदगी को भरपूरजीने के लिएज़िंदादिल होकरजीना बहुत जरुरी है… ये और बात है किरोज़मर्रा जीने के लिएअनेकों सवालों के जवाबकई बार हासिल नहीं होते… गर्म रेत की तरहचटखता है दिल में गुबारबर्फ़ सी होती ज़िंदगी मेंधुँआ भी तो उठता है बेशुमार… बारीकियों कोनज़र अंदाज़ करचलो जी लेते हैंज़िंदगी का शेषांश… Read more…

fitrat

फितरत

बेशकीमती बूँदों कोअब और न ज़ाया करो।चुपके चुपके राज़ ए दर्ददिल में न छुपाया करो… कौन जाने फिर से कबचलने लगे बसंती हवा।झूठ मूठ के वादों से अबदिल को न बहलाया करो… चाहत की परछाई धुंधली होतीदिल की फितरत होती ताज़ी।चराग़ ए मुहब्बत जले न जलेनफ़रत की दीवार झुकाया करो… Read more…