अर्ध सत्य , अर्ध मिथ्या में
जी रहे हैं हम…

आधी – अधूरी ज़िंदगी के
आधे – अधूरे लोग हैं हम…

मान – अभिमान के द्वन्द्व युद्ध में
कभी हारे कभी जीते हम…

प्रासंगिक , अप्रासंगिक घटनाओं के
एकमात्र उदाहरण हैं हम…

आलिंगन में बँधकर
आधे – आधे जी लेंगे हम…

मृत्यु के आने पर भी
बाहुपाश में ही मर लेंगे हम…

© चंचलिका


Chanchlika Sharma

Pure soul

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